इंदौर. हनीट्रैप मामले में सोमवार को भोपाल ले जाने से पहले आरोपी आरती दयाल की फिर से तबीयत खराब हो गई। पुलिस उसे गाड़ी में लिटाकर अस्पताल ले गई, जहां उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। इसके बाद पुलिस आरोपी मोनिका को लेकर भोपाल रवाना हुई। मामले की सीबीआई जांच को लेकर सोमवार को मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दो याचिकाएं दायर की गई।
सोमवार को मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दिग्विजय भंडारी ने वकील मनोहर दलाल के माध्यम से याचिका दायर की। याचिका में मांग की गई है कि मामले से जुड़े सभी वीडियो, सीडी, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप और सीसीटीवी फुटेज को तत्काल कोर्ट की देखरेख में ले लिया जाए। याचिका में कहा गया है कि मामला हाई प्रोफाइल है अत: सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है अथवा इन्हें नष्ट किया जा सकता है।
इसी प्रकार की एक अन्य याचिका विपिन शर्मा ने वकील नरेन्द्र कुमार जैन के माध्यम से दायर की। इस याचिका में इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को आरोपी बनाने की मांग की गई है। दोनों याचिकाओं में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की गई है।
एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि आरती और मोनिका को पुलिस रिमांड पर लिया गया था। भोपाल, राजगढ़, और छतरपुर आदि जगहों पर पुलिस को जांच करनी है। इंदौर के होटलों में अब तक की जांच की जा चुकी है। यहां के दो होटल से फेक आईडी से जुड़ी जानकारी मिली है।

इसके पहले रविवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरती और मोनिका रोने लगीं थीं। पेशी के बाद थाने पहुंचते ही दोनों की तबीयत खराब हो गई तो उन्हें एमवाय अस्पताल ले जाया गया। डिहाइड्रेशन की शिकायत के चलते दोनों को उपचार देकर रात को ही वापस महिला थाने भेज दिया गया था।
दोनों 27 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर
हनी ट्रैप केस की आरोपी आरती दयाल और मोनिका यादव का रिमांड बढ़ाने के लिए रविवार को पहली बार पुलिस ने कोर्ट में कहा कि दोनों ने कई बड़ी हस्तियों को ब्लैकमेल किया। ये फर्जी आधार कार्ड बनाकर होटलों में रुकीं और मोबाइल से कई वीडियो बनाए। आगे की जांच और उनके घरों पर छापे मारने के लिए 28 सितंबर तक का रिमांड चाहिए। कोर्ट ने इन्हें शुक्रवार यानी 27 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है, जबकि ड्राइवर ओमप्रकाश को जेल भेज दिया।
कोर्ट में पलासिया थाने के नए टीआई शशिकांत चौरसिया खुद पेश हुए और कहा कि दोनों ही आरोपी काफी शातिर हैं। इनके पास कई फर्जी आधार कार्ड हैं। इनसे निगम इंजीनियर हरभजन सिंह से वसूले गए रुपए जब्त करना है, इसलिए इनका रिमांड चाहिए। न्यायाधीश ने पुलिस से छतरपुर की दूरी पूछी। टीआई ने कहा कि लगभग 650 किमी का सफर करना होगा।

आरोपियों के वकील ने कहा कि पुलिस ने सारी चीजें जब्त कर ली, अब उन्हें सिर्फ परेशान किया जा रहा है। इन्होंने और किसी बड़ी हस्ती को ब्लैकमेल किया है, तो पुलिस नाम जाहिर करें। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने रिमांड बढ़ा दिया। सुनवाई के दौरान ही दोनों फूट-फूटकर रोने लगी थी।
हरभजन को खुद फंसाना चाहती थी आरती, असफल रही तो मोनिका को आगे किया
आरती और मोनिका से पूछताछ में कई खुलासे हो रहे हैं। आरती को श्वेता ने नगर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलवाया था, तभी आरती ने उसे फंसाने की स्क्रिप्ट तैयार कर ली थी। पहले तो आरती ने खुद हरभजन पर डोरे डाले और रिलेशन बनाने के लिए वॉट्सएप पर कई मैसेज भेजे। दो-तीन बार इंदौर के कैफे और रेस्त्रां में मुलाकात भी की, लेकिन जब उसे लगा कि वीडियो बनाना आसान नहीं है तो फिर उसने इस गेम में मोनिका को शामिल किया। उसे वह समझाकर लाई कि इंजीनियर बड़ा आसामी है। मुझे पैसा और तुम्हें सरकारी नौकरी मिलेगी। इसमें आरती को लगा कि अगर धमकाने के दौरान कभी वीडियो वायरल भी हो गया तो उसकी बदनामी नहीं होगी।
हरभजन से नहीं मिली थी रूपा
होटल इन्फिनिटी में 30 अगस्त को मोनिका और आरती के साथ रूपा अहिरवार भी आई थी। अब तक की जांच में पता चला है कि रूपा हरभजन से नहीं मिली। वह होटल आई और किसी काम का बोलकर चली गई थी। पुलिस उसके बारे में और जानकारी जुटा रही है। पुलिस ने होटल श्री और इन्फिनिटी को नोटिस देकर सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं।
भाई को पढ़ा रही इंदौर में
पता चला है कि आरती का भाई इंदौर के एक कॉलेज में पढ़ाई करता है। रविवार को आरती की कोर्ट में पेशी के दौरान वह भी आया था। पुलिस जानकारी जुटा रही है कि आरती भाई से मिलने के लिए इंदौर आती थी तो किन-किन लोगों से मिलती थी। जब पुलिस ने आरती को गिरफ्तार किया था तो उसके भाई ने हरभजन सिंह को मैसेज कर बहन को छुड़वाने की आग्रह किया था। यह मैसेज भी पुलिस के पास है।
श्वेता का वीडियो वायरल हुआ तो नेता के साथ पहुंची थी साइबर सेल
उधर, जेल में बंद सागर की श्वेता जैन ने कुछ समय पहले एक व्यक्ति का वीडियो बनाया था। फिर उसे ब्लैकमेल करने वाली थी, लेकिन उसके पहले उसी व्यक्ति ने श्वेता का वीडियो वायरल कर उसे एक्सपोज कर दिया। इससे वह काफी गुस्सा हुई थी और एक नेता के साथ भोपाल साइबर सेल पहुंचकर इस वीडियो को डिलीट करवाने व अपना नाम हटवाने की मांग की थी।